खुशी बिन
जीवन अधूरा
खुश रहना हो तो बोझ
दिल का दूर करो
जो पल रहा जहन में
बाहर निकालो
निरंतर पल रहे द्वेष को
कम करो
प्यार के रंगों से उसे
भर दो
छोटी छोटी बातों को
दिल से लगाना छोड़ दो
गलती हो जाए माफ़ी
मांग लो
बात बुरी किसी की लगे
माफ़ कर दो
प्यार से गले लगा लो
खुद भी जियो
औरों को जीने दो
21-03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
467—137-03-11
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