सपने में
परमात्मा से मिला
जीवन जीने का सूत्र पूंछा
प्रश्न का उत्तर मिला
ना विवाद किसी से करना
ना कोई
विषाद मन में रखना
हंस कर बोलना
निरंतर मुस्कराना
जो सोचते ज़रूर कहना
बहुतों को भाएगा
बहुतों को बुरा लगेगा
जिन्हें भाता
उन्हें सलाम करना
जिन्हें बुरा लगे
दुआ उनके लिए करना
नफरत ना कभी पालना
कोशिश सच कहने की
करना
सच को स्वीकार करना
कोई क्या कर रहा ना
जानना
तुम्हें जो करना ध्यान
रखना
निरंतर खुदा को याद
करना
जीवन ऐसे ही
जीना
11—03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
1 comment:
बहुत सुन्दर रचना है
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