ना सवाल पैसे का
ना सवाल शोहरत का
सवाल इंसानियत का,
सवाल आस्था का
जो रखता विश्वाश इनमें
कहाँ पैसे और
शोहरत की सोचता
निरंतर ध्यान
इश्वर में लगाता
कर्म अपना करता
इश्वर ध्यान उसका
रखता
जो चाहता उसे
मिलता
चैन से सोता,चैन से
जीता
रहता
11—03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
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