साथ निभाने का
वादा किया
कदम से कदम मिलाने
का इरादा किया
चाहे आगे चाहे
पीछे चल
कभी कंधे पर हाथ रख
कभी हाथ पकड़
कर चल
निरंतर मेरे साथ चल
उतार चढ़ाव आयेंगे
मोड़ कई आयेंगे
लोग फिकरे कसेंगे
खौफ निगाहों से देखेंगे
बातें भी बनायेंगे
बेफिक्र,बेजिझक,
बेपरवाह चल
चलना जब मकसद है
पीछे ना हटना है
सफ़र जीवन का
पूरा कर
बेधड़क चला चल
बिना रुके साथ
चल
04-01-2011
07-11
No comments:
Post a Comment