होली आयी
रंगों की बरसात होगी
हर तरफ टोलियाँ घूमेंगी
हास्य व्यंग की महफ़िल
सजेगी
थालियाँ पकवानों से
भरी होगी
जिस का कोई गया
आँखें उस की गीली होगी
पिछली होली याद आएगी
मन में उदासी होगी
निरंतर उठ रही
हंसी ठट्ठे की आवाज़
कानों में चुभेगी
थोड़ी खीज भी आएगी
किसी को किसी के गम से
क्या मतलब
सब की होली मनती रहेगी
दुखी की आत्मा दुखी रहेगी
वक़्त के साथ यादें
कम होगी
कुछ साल बाद उसकी भी
होली मनेगी
उसे भी किसी के गम की
याद नहीं आएगी
19-03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
449—119-03-11
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